आर्थिक तंगी से जूझ रहे हीरा कारीगर द्वारा आत्महत्या करने से पहले लोगों ने बचाया


सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में लॉकडाउन के चलते आर्थिक अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है । वहीं दूसरी ओर कोरोना ने लोगों की आर्थिक स्थिति को खराब कर दिया है।हालांकि अब राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के बीच लोगों को व्यावसायिक नौकरियां शुरू करने की अनुमति दी है और इसलिए कई व्यवसाय और दुकानें खुल गई हैं पर दुकानें खुली होने के बावजूद ग्राहक कोरोना के डर से खरीदारी करने नहीं आ रहे हैं। दूसरी ओर सूरत में कोरोना के बढ़ते संक्रमणों के कारण रत्नकलाकारों की आर्थिक स्थिति भयावह हो गई है। लॉकडाउन के कारण आर्थिक रूप से परेशान हुए सूरत के एक रत्नकलाकार ने तापी नदी के पूल से आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन पैदल यात्रियों ने रत्नकलाकार को पूल की ग्रिल पर चढ़कर आत्महत्या करने से रोक दिया और उसे पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने उसे को समझाया और उसे परिवार वालों को सौंप दिया।
 
जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के बीच सूरत में हीरा उद्योग को शुरू किया गया था। लेकिन हीरे उद्योग में कोरोना के संक्रमण के कारण हीरा उद्योग को फिर से बंद कर दिया गया। हीरा उद्योग के बंद होने से परिवार के लिए जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया है।ऐसे में आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या करने वाले बहुत से रत्नकलाकारों  के मामले भी सामने आए हैं। उस समय एक हीरा कारीगर ने वराछा और सूरत के एक बड़े क्षेत्र को जोड़ने वाली तापी नदी के पूल से आत्महत्या करने की कोशिश की। आत्महत्या करने के लिए हीरा कर्मचारी पुल पर बनी ग्रिल पर चढ़ गया फिर पैदल चल रहे लोगों ने हीरा कर्मचारी को तुरंत ग्रिल से नीचे उतारा। फिर उस व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया।


जब पुलिस ने पूछताछ की, तो पता चला कि आर्थिक कठिनाइयों के कारण वो कारीगर आत्महत्या करने जा रहा था। पुलिस ने हीरा कारीगर को समझाया और उसे उसके परिवार वालों को सौंप दिया। अभी कुछ दिन पहले वराछा में तापी पुल से एक हीरा कारीगर ने नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। सूरत के बड़े वराछा क्षेत्र में तापी नदी पर पुल से आत्महत्या के बढ़ते मामलों के कारण तंत्र द्वारा पुल पर ग्रिल लगाए गए थे।आपको बता दें कि सिर्फ ग्रिल होने के कारण ही लोग आत्महत्या करने जा रहे उस हीरा कारीगर की जान बचाने में सफल रहे!